Saturday 25 August 2018

विकाशशील

सत्तर वर्ष
आजादी और विकाश के
देश की अस्सी प्रतिशत दौलत
पाँच प्रतिशत लोगों के पास
हम विकाशशील हैं 

Saturday 14 October 2017

ध्रुवो जन्म मृतस्य च

जर्जर संवेदना
घायल धैर्य
टूटा साहस
बूढ़ा पुरुषार्थ
रुग्ण पराक्रम
मृत्यु को प्राप्त हों
अपने समस्त मानवीय गुणों के साथ
यथाशीघ्र
शीघ्रातिशीघ्र 

Wednesday 26 April 2017

निस्सीम

मैंने फिर लिखा
फिर मिटाया
न जाने कितनी बार
ऐसा नहीं है माँ !
कि मुझे लिखना नहीं आता
तुम हो कि
शब्दों में
समाती ही नहीं



Monday 12 September 2016

अमरबेल

आप अवसर दें
चाहे ना दें
हम तो आपके सेवक थे
हैं
और रहेंगें

वैसे भी हमारा
चोली दानम का साथ है
स्पष्ट सी बात है
लोकतंत्र में आप "लोक " हैं तो हम "तंत्र " हैं
हमारे पास
वशीकरण
मोहन , उच्चाटन , मारण
सभी प्रकार के मंत्र हैं

आप राजा हैं
हम कामगार हैँ
आपके सम्राज्य के
पहरेदार हैँ
आपकी सेवा पर
हमारा अधिकार है

बिना हमारे
आपकी गति नहीं
सुगति नहीं
प्रगति नहीं

इस रक्त संबंध को
रखना है आबाद
इसलिये बोलिये
नेताजी जिन्दाबाद

Friday 2 September 2016

मा फलेषु कदाचन ...

अपना प्रतिनिधि चुनना
हमारा अधिकार
वह क्या करेगा
कब करेगा
कितना करेगा
करेगा भी अथवा नहीं
यह उसका अधिकार 

Monday 29 August 2016

तुम्हारा होना

तुम्हारा होना

सब कुछ कितना सजीव था
जब तुम थे
आज भी सब कुछ है
अतिरिक्त तुम्हारे
अनाकर्षक
निष्प्राण
कितना अंतर है
तुम्हारे होने और
न होने में 

Monday 22 August 2016

यदा यदा हि

यदा यदा हि

अन्याय की भादो रात में
यंत्रणा की मूसलाधार वर्षा से
जन मन जमुना में जब
व्यथा बाढ़ आती है
अँधेरे की कोख से
उजाले का पैगम्बर
बंदी का मुक्त पुत्र
उसी क्षण जनमता है
वह पल रहा है
आज भी
किसी झोंपड़ी में
किसी गोप के घर